बोलिविया के जल-युद्ध के परिणामस्वरूप बहुराष्ट्रीय कम्पनी के अधिकारियों को शहर छोड़कर भागना पड़ा। सरकार को आन्दोलनकारियों की सभी माँगें माननी पड़ी तथा सरकार ने बहुराष्ट्रीय कम्पनी के साथ किये करार को रद्द कर पुनः जलापूर्ति का अधिकार नगरपालिका को सौंपकर पुरानी दरें लागू कर दी।