सन् 2005 में नेपाल के नये राजा ज्ञानेन्द्र ने लोकतान्त्रिक शासन को स्वीकार नहीं किया तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री को अपदस्थ करके निर्वाचित सरकार को भंग कर दिया। फलतः 2006 में पुनः लोकतन्त्र की स्थापना के लिए नेपाल में राजनीतिक दलों द्वारा 'लोकतन्त्र का आन्दोलन' किया गया।