दो छड़ समान लम्बाई, ऊष्मा चालकता $K _1, K _2$, क्षेत्रफल $A _1, A _2$ तथा विशिष्ट ऊष्मा $S _1, S _2$ है । दोनों सिरों के ताप $T _1$ व $T _2$ है। साम्वास्था में ऊष्मा प्रवाह की दर है:
[2002]
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ऊष्मा$-$प्रवाह की दर
$Q _1=\frac{ K _1 A _1\left( T _1- T _2\right)}{ d }$
$ Q _2=\frac{ K _2 A _2\left( T _1- T _2\right)}{ d } $
स्थिर अवस्था में
$ \frac{ K _1 A _1\left( T _1- T _2\right)}{ d }=\frac{ K _2 A _2\left( T _1- T _2\right)}{ d }$
$\therefore K _1 A _1= K _2 A _2 $
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कोई कृष्णिका $5760 K$ ताप पर है। इस पिण्ड द्वारा उन विकिरणों की ऊर्जा, तरंगदैर्घ्य $250 nm$ पर $U _1$, तरंगदैर्ध्य $500 nm$ पर $U _2$ तथा तरंगदैर्ध्य $1000 nm$ पर $U _3$ वीन-नियतांक, $b =2.88 \times 10^6 nmk$ है। नीचे दिया कौन सा संबंध सही है?
$227^{\circ} C$ तापमान पर एक कृष्ण पिंड $7 cal / cm ^2 s$ की दर से ऊष्मा का विकिरणन करता है। $727^{\circ} C$ तापमान पर इन्हीं मात्रकों में इस पिंड के ऊष्मा विकिरणन की दर होगी $:-$
यदि, किसी ऊष्मीय युग्म के ठंडे जोड़ को $0^{\circ} C$ पर और गरम जोड़ को $T ^{\circ} C$ पर रखा जाये तो इस युग्म के लिये उदासीन $($न्यूट्रल$)$ ताप $\left( T _{ n }\right)$ और प्रतिलोमन (इनवर्शन) ताप $\left( T _{ i }\right)$ का परस्पर सम्बन्ध होगा-
लम्बाई $L$ और एकसमान परिच्छेद क्षेत्रफल $A$ की एक छड़ के दो सिरों को दो तापमानों $T _1$ और $T _2$ ( जबकि $T_1>T_2$ है) पर निरन्तर रखा जा रहा है। स्थिर अवस्था में छड़ में से ऊष्मा के स्थानान्तरण की दर, $\frac{ dQ }{ dt }$ होगी:-
$10^{\circ} C$ ताप के, 20 ग्राम जल में, $100^{\circ} C$ की वाष्प गुजरती है, जल का ताप $80^{\circ} C$ होने पर उपस्थित जल का द्रव्यमान कितना होगा? जल की विशिष्ट ऊष्मा $=1$ कैलोरी ग्राम ${ }^{-1}{ }^{\circ} C ^{-1}$ तथा वाष्प की गुप्त ऊष्मा $=540$ कैलोरी ग्राम ${ }^{-1}$ है।
लोहे के एक टुकड़े को किसी लौ (फ्लेम) पर गर्म किया जाता है। यह पहले हल्का लाल, फिर रक्ताभ पीला और अन्त में श्वेत गर्म हो जाता है। इस प्रेझण का सही स्पष्टीकरण संभव है: