लोहे के एक टुकड़े को किसी लौ (फ्लेम) पर गर्म किया जाता है। यह पहले हल्का लाल, फिर रक्ताभ पीला और अन्त में श्वेत गर्म हो जाता है। इस प्रेझण का सही स्पष्टीकरण संभव है:
[2013]
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(a) वीन का विस्थापन नियम
इस नियम के अनुसार, $\lambda_{\max } \propto \frac{1}{ T }$ या $\lambda_{\max } \times T =$ स्थिरांक
अतः तापमान के वृद्धि के साथ-साथ $\lambda$ का मान घटता जाता है।
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धातु की एक बेलनाकार छड़ अपने दो सिरों पर दो ऊष्मा भंडारों के तापीय सम्पर्क में हैं। यह $t$ समय में $Q$ ऊष्मा का चालन करती है। इस छड़ को पिघलाकर उससे एक अन्य छड़ बना दी जाती है, जिसकी त्रिज्या पहली छड़ की त्रिज्या की आधी है। यदि इस नई छड़ के सिरे उन्हीं ऊष्मा भंडारों के तापीय सम्पर्क में रखा जाय तो, इस छड़ द्वारा $t$ समय में चालित ऊष्मा कितनी होगी?
निम्नलिखित में से कौन-सी वृत्ताकार छड़ (r त्रिज्या तथा लम्बाई l) जिनमें प्रत्येक समान पदार्थ से बनी है तथा जिनके सिरे समान ताप पर रखे गये हैं, अधिकतम ऊर्जा का चालन करेगी?
ताप की एक नई स्केल, जो रेखीय है, उसे $W$ स्केल का नाम दिया गया है। इस स्केल पर जल का हिमांक और क्वथनांक क्रमानुसार $39^{\circ} W$ और $239^{\circ} W$ है। जब सैल्सीअस स्केल पर ताप $39^{\circ} C$ होगा, तो नई स्केल पर ताप का मान होगा:
यह मानते हुए कि सूर्य $r$ त्रिज्या का गोलाकार बाहरी तल रखता है और तापमान $t^{\circ} C$ पर एक कृष्ण पिंड की तरह प्रकीर्णन करता है, सूर्य केन्द्र से $R$ दूरी पर आपतित किरणों से लम्ब दिशा में किसी एक मात्रक तल द्वारा प्राप्त की गई शक्ति होगी-
एक सेन्टीग्रेड तथा फैरेनहाइट थर्मामीटर को उबलते पानी में रखा गया । फैरेनहाइट थर्मामीटर में पानी का ताप $140^{\circ}$ तक घटाया गया तो सेन्टीग्रेड स्केल में तापमान है:
$1227^{\circ} C$ पर एक कृष्ण पिण्ड विकिरण उत्सर्जन करता है जिसमें अधिकतम विकिरण फ्लक्स घनत्व $5000 \mathring A $ के तरंगदैर्ध्य पर होता है। यदि इस पिण्ड का ताप $1000^{\circ} C$ से बढ़ा दिया जाए, तो अधिकतम विकिरण फ्लक्स घनत्व देखा जाएगा