ग्लिसरीन का आयतन प्रसार गुणांक $5 \times 10^{-4} K ^{-1}$ है। ग्लिसरीन के तापक्रम में $40^{\circ} C$ वृद्धि करने पर उसके घनत्व में आंशिक परिवर्तन होगा
[2015]
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प्रश्नानुसार, तापक्रम में वृद्धि $\Delta t =40^{\circ} C$
धनत्व में भिन्नात्मक परिवर्तन $\frac{\Delta \rho}{\rho_0}=$ ?
आयतन प्रसार गुणांक $\gamma=5 \times 10^{-4} K ^{-1}$
$ \rho=\rho_0(1-\gamma \Delta t)$
$\Rightarrow \frac{\Delta \rho}{\rho_0}=\gamma \Delta T $
$=\left(5 \times 10^{-4}\right)(40)=0.02 $
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दो छड़ समान लम्बाई, ऊष्मा चालकता $K _1, K _2$, क्षेत्रफल $A _1, A _2$ तथा विशिष्ट ऊष्मा $S _1, S _2$ है । दोनों सिरों के ताप $T _1$ व $T _2$ है। साम्वास्था में ऊष्मा प्रवाह की दर है:
एक पिण्ड $50.0^{\circ} C$ से $49.9^{\circ} C$ तक ठण्डा होने में 5 सेकंड लेता है तो यह $40.0^{\circ} C$ से $39.9^{\circ} C$ तक ठण्डा होने में कितना समय लेगा । बाहर का तापमान $30.0^{\circ} C$ तथा यहाँ न्यूटन का शीतलन सिद्धान्त कार्यरत् है।
पीतल तथा स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha_1$ तथा $\alpha_2$ है । पीतल की छड़ की लम्बाई $\ell_1$ तथा स्टील की $\ell_2$ $0^{\circ} C$ तापमान पर है । यदि इनकी लम्बाइयों में अन्तर सभी तापमान पर $\ell_2-\ell_1$, हो तो:
यह मानते हुए कि सूर्य $r$ त्रिज्या का गोलाकार बाहरी तल रखता है और तापमान $t^{\circ} C$ पर एक कृष्ण पिंड की तरह प्रकीर्णन करता है, सूर्य केन्द्र से $R$ दूरी पर आपतित किरणों से लम्ब दिशा में किसी एक मात्रक तल द्वारा प्राप्त की गई शक्ति होगी-
एक सेन्टीग्रेड तथा फैरेनहाइट थर्मामीटर को उबलते पानी में रखा गया । फैरेनहाइट थर्मामीटर में पानी का ताप $140^{\circ}$ तक घटाया गया तो सेन्टीग्रेड स्केल में तापमान है: