कोई कृष्णिका $5760 K$ ताप पर है। इस पिण्ड द्वारा उन विकिरणों की ऊर्जा, तरंगदैर्घ्य $250 nm$ पर $U _1$, तरंगदैर्ध्य $500 nm$ पर $U _2$ तथा तरंगदैर्ध्य $1000 nm$ पर $U _3$ वीन-नियतांक, $b =2.88 \times 10^6 nmk$ है। नीचे दिया कौन सा संबंध सही है?
[2016]
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(d) वीन के विस्थापन नियम के अनुसार अधिकतम उत्सर्जित विकिरण की मात्रा $\lambda_{ m }$ के संगत $\lambda_{ m }=\frac{ b }{ T }$
$
\lambda_{ m }=\frac{2.88 \times 10^6 nmK }{5760 K }=500 nm
$
ग्राफ से $U _1< U _2> U _3$
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यह मानते हुए कि सूर्य $r$ त्रिज्या का गोलाकार बाहरी तल रखता है और तापमान $t^{\circ} C$ पर एक कृष्ण पिंड की तरह प्रकीर्णन करता है, सूर्य केन्द्र से $R$ दूरी पर आपतित किरणों से लम्ब दिशा में किसी एक मात्रक तल द्वारा प्राप्त की गई शक्ति होगी-
एक सेन्टीग्रेड तथा फैरेनहाइट थर्मामीटर को उबलते पानी में रखा गया । फैरेनहाइट थर्मामीटर में पानी का ताप $140^{\circ}$ तक घटाया गया तो सेन्टीग्रेड स्केल में तापमान है:
किसी तारे की त्रिज्या $r$ है। यदि इसकी बाहरी सतह $TK$ ताप की कृष्णिका की भाँति ऊष्मा विकसित करती है तो, इसके केन्द्र से $R$ दूरी पर, प्रति इकाई क्षेत्रफल द्वारा, आपतन की दिशा के लम्बवत्, प्राप्त कुल विकिरण ऊर्जा है
यदि, किसी ऊष्मीय युग्म के ठंडे जोड़ को $0^{\circ} C$ पर और गरम जोड़ को $T ^{\circ} C$ पर रखा जाये तो इस युग्म के लिये उदासीन $($न्यूट्रल$)$ ताप $\left( T _{ n }\right)$ और प्रतिलोमन (इनवर्शन) ताप $\left( T _{ i }\right)$ का परस्पर सम्बन्ध होगा-
एक बीकर में गर्म पानी भरा गया है। इसे किसी कमरे में रखा जाता है। यदि इसका ताप $80^{\circ} C$ से $75^{\circ} C t _1$ मिनट में, $75^{\circ} C$ से $70^{\circ} C t _2$ मिनट में होता हो तथा $70^{\circ} C$ से $65^{\circ} C$ तक $t _3$ मिनट में होता है तो: