एक $0.12 m$ लम्बी, $0.1 m$ चौड़ी कुंडली में तार के $50$ फेरे है इसको $0.2\ \text{weber / m} ^2$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्ध्वाधर लटकाया गया है। कुंडली में $2 A$ विद्नुत धारा प्रवाहित हो रही है। यदि कुंडली, चुम्बकीय क्षेत्र से $30^{\circ}$ कोण बनाती है, तो इन्हें रोके रखने के लिए आवश्यक बल आघूर्ण का मान होगा:
[2015]
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यहाँ, कुंडली के फेरों की संख्या, $N =50$
कुंडली से होकर प्रवाहित धारा $I =2 A$
क्षेत्रफल $A =l \times b =0.12 \times 0.1 m ^2$
चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }=0.2 W / m ^2$
कुंडली को स्थिर संतुलन में रखने हेतु आवश्यक आघूर्ण
$ \tau=\overrightarrow{ M } \times \overrightarrow{ B }= MB \sin 60^{\circ}$
$= Ni AB \sin 60^{\circ}$
$=50 \times 2 \times 0.12 \times 0.1 \times 0.2 \times \frac{\sqrt{3}}{2}$
$=12 \sqrt{3} \times 10^{-2}$
$=0.20784 Nm $
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आयनों के द्रव्यमान मापने के लिये एक द्रव्यमान मापी स्पैक्ट्रोमीटर में आयनों को पहले वैद्युत विभव $V$ द्वारा त्वरित कर फिर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ का प्रयोग कर $R$ त्रिज्या के अर्धवृत्तीय पथ पर चलाया जाता है। यदि $V$ और $B$ को स्थिरमानी रखा जाये तो अनुपात अनुपाती होगा-
किसी $G$ प्रतिरोध के धारामापी पर $S$ ओम प्रतिरोध का शंट लगाया गया है। मुख्य धारा का मान अपरिवर्तित रखने के लिए धारामापी के श्रेणीक्रम में लागये गये प्रतिरोध का मान होगा:
किसी प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा $1 MeV$ है। यह किसी एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में $R$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में गति कर रहा है तो, किसी $\alpha$-कण की ऊर्जा कितनी होनी चाहिये ताकि वह उसी क्षेत्र में उसी त्रिज्या के पथ में गति कर सके?
किसी गेल्वेनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध $100 \Omega$ है और $30 mA$ की विद्युतधारा से इसके पूरे पैमाने (स्केल) पर विक्षेप होता है। यदि इसे 30 वोल्ट परास के वोल्टमीटर में परिवर्तित करना है तो कितना प्रतिरोध और लगाना ( जोड़ना) होगा?
एक सीधे तार में $1.2 A$ की धारा प्रवाहित होती है। इससे $0.5$ मीटर दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता $2 T$ है। चुम्बकीय क्षेत्र तार की लम्बाई के लम्बवत् है तो तार पर लगने वाला बल है
किसी एमीटर में मुख्य धारा का $0.2 \%$ भाग गैल्वेनोमीटर कुंडली से गुजरता है। यदि गैल्वेनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध $G$ है, तो इस एमीटर का प्रतिरोध होगा