एक 3.0 सेमी. लम्बा तार जिसमें 10 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, एक परिनालिका के भीतर उसके अक्ष के लम्बवत् रखा है। परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र का मान 0.27 T है। तार पर लगने वाला चुम्बकीय बल क्या है?
Exercise - 4.6
Download our app for free and get started
SELF STUDY
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
I धारावाही, N फेरों और R त्रिज्या वाली वृत्ताकार कुंडली के लिए, इसके अक्ष पर, केन्द्र से x दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए निम्न व्यंजक हैं: B = $\frac{\mu_{0} I R^{2} N}{2\left(x^{2}+R^{2}\right)^{\frac3 2}}$
स्पष्ट कीजिए, इससे कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए सुपरिचित परिणाम कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
बराबर त्रिज्या R, एवं फेरों की संख्या N, वाली दो वृत्ताकार कुडलियाँ एक-दूसरे से R दूरी पर एक-दूसरे के समांतर, अक्ष मिला कर रखी गई हैं। दोनों में समान विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। दर्शाइए कि कुंडलियों के अक्ष के लगभग मध्यबिन्दु पर क्षेत्र, एक बहुत छोटी दूरी के लिए जो R से कम है, एकसमान है और इस क्षेत्र का लगभग मान निम्न है: B = $0.72 \frac{\mu_{0} N I}{R}$
[बहुत छोटे से क्षेत्र पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए बनायी गई ऊपर वर्णित व्यवस्था हेल्महोल्ट्ज कुंडलियों के नाम से जानी जाती है।]
व्योमस्थ खिंचे क्षैतिज बिजली के तार में 90 A विद्युत धारा पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित हो रही है। तार के 1.5 मी. नीचे विद्युत धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण और दिशा क्या है?
एक स्वचालित वाहन की बैटरी से इसकी चालन मोटर को जोड़ने वाले तारों में 300 A विद्युत धारा (अल्प काल के लिए) प्रवाहित होती है। तारों के बीच प्रति एकांक लम्बाई पर कितना बल लगता है यदि इनकी लम्बाई 70 सेमी. एवं बीच की दूरी 1.5 सेमी. हो। यह बल आकर्षण बल है या प्रतिकर्षण बल?
एक वर्गाकार कुंडली जिसकी प्रत्येक भुजा $10$ सेमी है, में $20$ फेरे हैं और उसमें $12 \ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली ऊर्ध्वाधरत : लटकी हुई है और इसके तल पर खींचा गया अभिलम्ब $0.80 \ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ$ का एक कोण बनाता है। कुंडली पर लगने वाले बलयुग्म आघूर्ण का परिमाण क्या है?
$30$ फेरों वाली एक वृत्ताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी है और जिसमें $6.0\ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, $1.0\ T$ के एकसमान क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्ध्वाधरतः लटकी है। क्षेत्र रेखाएँ कुंडली के अभिलम्ब से $60^\circ$ का कोण बनाती हैं। कुंडली को घूमने से रोकने के लिए जो प्रतिआघूर्ण लगाया जाना चाहिए उसके परिमाण परिकलित कीजिए।
यदि $(i)$ में बतायी गई वृत्ताकार कुंडली को उसी क्षेत्रफल की अनियमित आकृति की समतलीय कुंडली से प्रतिस्थापित कर दिया जाए $($शेष सभी विवरण अपरिवर्तित रहें$)$ तो क्या आपका उत्तर परिवर्तित हो जाएगा$?$
एक-दूसरे से 4.0 सेमी. की दूरी पर रखे दो लम्बे, सीधे समान्तर तारों A एवं B से क्रमशः 8.0 A एवं 5.0 A की विद्युत धाराएँ एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही हैं। तार A के 10 सेमी. खंड पर बल का आकलन कीजिए।