एक दूसरे के निकट स्थित ध्वनि के दो स्त्रोंतों निम्न प्रकार निरूपित प्रगामी तरंगें उत्सर्जित कर रहे है : $y_1=4 \sin 600 \pi t$ तथा $y_2=5 \sin 608 \pi t$. इन दोनों स्त्रोतों के निकट स्थित एक श्रोता को सुनाई देगा :
[2012]
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$ 2 \pi f_1=600 \pi$
$f_1=300$
$2 \pi f_2=608 \pi$
$f_2=304$
$\left|f_1-f_2\right|=4 $ विस्पंद
$\frac{I_{\max }}{I_{\text {m.n }}}=\frac{\left(A_1+A_2\right)^2}{\left(A_1+A_2\right)^2}$
$=\frac{(5+4)^2}{(5-4)^2}=\frac{81}{1}, $
जहाँ $A_1, A_2$ दिये गए दो ध्वनि तरंगों के आयाम हैं।
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द्रव्यमान $m _1$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किसी दृढ़ टेक से ऊध्धाधर लटकी है। इस रस्सी के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _2$ का कोई गुटका जुड़ा है। रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्घ्य $\lambda_1$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्घ्य $\lambda_2$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_2 / \lambda_1$ का मान है :
एक डोरी में चलती तरंग का आयाम $2 \ cm$ है। यह तरंग $x-$ अक्ष की धन दिशा में $128 m / \sec$. की चाल से चल रही है और यह पाया गया है कि डोरी की $4 m$ की लम्बाई में $5$ पूरी तरंगें समा जाती हैं। तरंग सूचक समीकरण होगा:$-$
एक तरंग जो सरल आवर्तगति करती है उसका आवर्तकाल 4 सेकंड तथा दूसरी तरंग का आवर्तकाल 3 सेकंड है। यदि दोनों तरंगों का संयोजन कर दिया जाये तो इस नयी तरंग का आवर्तकाल क्या होगा-
$100 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करता हुआ एक ध्वनि स्त्रोत $S$ तथा एक प्रेक्षक $O$, एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। यह ध्वनि स्त्रोत, $19.4 \ ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। उसके चलने की दिशा, स्त्रोत तथा प्रेक्षक की रिथितियों को मिलाने वाली सरलरेखा से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है $($आरेख देखिये$)$। यदि, प्रेक्षक अपनी रिथति पर ही रूका रहता है तो, प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आभासी आवृत्ति होगी (हवा में ध्वनि का वेग $\left.330 \ ms ^{-1}\right)$ :