एक द्विउत्तल लैंस को दो भगों में काटा गया है (i) $XOX ^{\prime}$ के अनुदिश (ii) $YOY ^{\prime}$ के अनुदिश, यदि $f , f ^{\prime}$, f" तीनों स्थितियों में लैंस की फोकस दूरियां हैं तो निम्न में से कौन-सा सम्बन्ध सही है:
[2003]
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(b)
$\frac{1}{ f }=(\mu-1)\left(\frac{1}{ R _1}-\frac{1}{ R _2}\right)$ इस स्थिति में, $R _1, R _3$ अपरिवर्तित होंगे। अत: $f^{\prime}=f$
$
\frac{1}{f}=\frac{1}{f_1}+\frac{1}{f_2}
$
यह दो समान फोकस दूरी वाले लेन्सों का क्रमबद्ध है, अतः
$
\therefore\left[\frac{1}{f}=\frac{1}{f^{\prime \prime}}+\frac{1}{f^{\prime \prime}}=\frac{2}{f^{\prime \prime}}\right] \Rightarrow f^{\prime \prime}=2 f
$
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' $f_1$ ' फोकस दूरी का एक अवतल दर्पण, ' $f_2$ ' फोकस दूरी के एक उत्तल लेंस से $d$ दूरी पर रखा गया है। अनन्त से आता हुआ एक किरण पुंज, उत्तल लेंस तथा अवतल दर्पण के इस संयोजन पर टकराता है और अपने मार्ग पर अनन्त को वापस हो जाता है तो, दूरी ' $d$ ' का मान होगा :
$10 cm$ लम्बी एक छड़ को, $10 cm$ फोकस दूरी के एक अवतल लेंस की मुख्य अक्ष के अनुदिश इस प्रकार रखा गया है कि छड़ का दर्पण के ध्रुव के पास वाला सिरा, दर्पण से $20 cm$ दूर है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई होगी :
दो माध्यमों $M_1$ और $M_2$ में प्रकाश की चाल क्रमशः $1.5 \times 10^8 m / s$ और $2.0 \times 10^8 m / s$ है। प्रकाश की एक किरण माध्यम $M_1$ से $M_2$ में $i$ आपतन कोण पर प्रवेश करती है। यदि इस किरण का पूर्ण आतंरिक परावर्तन हो जाता है तो, ' $i$ ' का मान है
एक पतले समतलोत्तल लैंस की वक्रता त्रिज्या 10 सेमी तथा अपवर्तनांक $1.5$ है। यदि समतल पृष्ठ को पोलिश कर दिया जाए तो यह अवतल दर्पण का काम करेगा। इसकी फोकस दूरी है:
किसी खगोलीय दूरबीन के अभिदृश्यक और नेत्रिका की फोक्स दूरियां कमश: $40$ से.मी. और $4$ से.मी. हैं। अभिदृश्यक से $200$ से.मी. दूर स्थित किसी बिम्ब को देखने के लिए दोनों लेंसों के बीच की दूरी होनी चाडिए:
सामान्य समायोजन की स्थिति में, किसी खगोलीय दूरदर्शक के अभिदश्यक लेंस के भीतरी भाग पर $L$ लम्बार्ई के एक काली सरता रेखा खिची गर्ई है। नेत्रिका इस सरल रेखा का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाती है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई $l$ है तो दूरदर्शक का आवर्थन है :
किसी द्रव से भरे एक बीकर के तल पर एक लघु सिक्का रखा गया है। चित्र के अनुसार एक प्रकाश किरण सिक्के से आरम्भ होकर द्रव के ऊपरी तल तक पहुँच कर तल के समांतर चलती है।
इस द्रव में प्रकाश चलन का वेग कितना होगा?