एक खुले आर्गन पाइप की हवा में मूल आवृति $f$ है। यदि इस पाईप को ऊध्ध्वाधर आधा पानी में डुबो दिया जाए तो इसकी मूल आवृति होगी-
[1997]
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(c) खुले पाईप के लिए मूल आवृत्ति $f =\frac{ v }{2 \ell}$ यदि आधी ट्यूब में पानी भर दिया जाए तो $\ell^{\prime}=\frac{\ell}{2}$ $f ^{\prime}=\frac{ v }{4 \ell^{\prime}}=\frac{ v \cdot 2}{4 \ell}=\frac{ v }{2 \ell} \quad$ अत $: f = f ^{\prime}$
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एक अनुप्रस्थ तरंग $y = y _0 \sin \frac{2 \pi}{\lambda}( vt - x )$ से प्रदर्शित होती है। $\lambda$ के किस मान के लिए कण का वेग तरंग के वेग का दोगुना होगा?
दो कम्पित स्वरित्र प्रगामी तरंगें उत्पन्न करते हैं जो क्रमशः हैं
$y _1=4 \sin 500 \pi t$ और $y _2=2 \sin 506 \pi t$.
प्रति मिनट उत्पन्न विस्पंदों की संख्या है:
निम्नलिखित दो तरंगों $ y _1=10^{-6} \sin \{100 t+( x / 50)+0.5\} m$
$y _2=10^{-6} \cos \{100 t+( x / 50)\} m $ के बीच कलान्तर जहाँ $x$, मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है, लगभग है:
एक कार एक ऊँची चोटी की ओर गति कर रही है। कार चालक आवृत्ति $f$ का हार्न बजाता है। चालक द्वारा सुनी गयी परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति $2 f$ है। यदि ध्वनि का वेग $v$ है, तो समान मात्रक में कार का वेग होगा:
$512 Hz$ आवृति का एक स्वरित्र द्विभुज, किसी प्यानो के कम्पमान तार के साथ प्रति सेकंड 4 विस्पन्द उत्पन्न करता है। प्यानो के तार पर थोड़ा सा तनाव बढ़ाने पर विस्पन्दों की आवृति 2 प्रति सेकंड हो जाती है। तनाव बढ़ाने से पहले प्यानो के तार की आवृति थी
एक प्रेक्षक ध्वनि की वेग की $1 / 5$ वेग से स्थिर स्रोत की ओर बढ़ रहा है। स्रोत द्वारा उत्पन्न ध्वनि की तंरगदैर्ध्य व आवृत्ति क्रमशः $\lambda$ और $f$ है। प्रेक्षक द्वारा प्रेक्षित आभासी तरंगदैर्ध्य व आवृत्ति होगी: