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$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$
किसी प्यानों के दो सर्वसम तारों का तनाव भी समान है और उसका मान $T$ है। इसकी मूल आवृत्ति $600 Hz$ है। यदि दोनों तारों के एक साथ कम्पन करने पर 6 विस्पंद प्रति सेकण्ड बने, तो तारों के तनाव में भिन्नात्मक वृद्धि होगी:
दो कम्पित स्वरित्र प्रगामी तरंगें उत्पन्न करते हैं जो क्रमशः हैं
$y _1=4 \sin 500 \pi t$ और $y _2=2 \sin 506 \pi t$.
प्रति मिनट उत्पन्न विस्पंदों की संख्या है:
एक डोरी में चलती तरंग का आयाम $2 \ cm$ है। यह तरंग $x-$ अक्ष की धन दिशा में $128 m / \sec$. की चाल से चल रही है और यह पाया गया है कि डोरी की $4 m$ की लम्बाई में $5$ पूरी तरंगें समा जाती हैं। तरंग सूचक समीकरण होगा:$-$
एक तारे में से $5000 \mathring A $ की तरंगे आती है जो पृथ्वी पर $1.50 \times 10^6$ मी/सेकंड से पहुंचती है। पृथ्वी पर पहुंचते हुए इसकी तरंग दैर्ध्य में क्या अंतर होगा?
एक आगामी तरंग $y =60 \cos (180 t -6 x )$ से प्रदर्शित होती है। जहां $y$ माइक्रॉन $t$ सेकंड व $x$ मीटर में है। अधिकतम कण वेग तथा तरंग वेग का अनुपात होगा$-$