एक अनुप्रस्थ तरंग $y = y _0 \sin \frac{2 \pi}{\lambda}( vt - x )$ से प्रदर्शित होती है। $\lambda$ के किस मान के लिए कण का वेग तरंग के वेग का दोगुना होगा?
[1998]
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(d) $y = y _0 \sin \frac{2 \pi}{\lambda}( vt - x )$ कण का वेग
$
\frac{d y}{d t}=y_0 \times \frac{2 \pi}{\lambda} v \cos \frac{2 \pi}{\lambda}( vt - x )
$
कण का अधिकतम वेग $= y _0 \times \frac{2 \pi v }{\lambda}$ तरंग वेग $=2 v$ [दिया है] अत: $y _0 \times \frac{2 \pi v }{\lambda}=2 v$
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\lambda=\pi \cdot y _0
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यदि किसी रस्सी को तीन खंडों में विभाजित करने पर उन खंडों की मूल आवृत्तियां क्रमश: $n _1, n _2$ तथा $n _3$ हों, तो इस रस्सी की प्रारम्भिक मूल आवृति $n$ के लिए सम्बन्ध होगा
दो ट्रेन एक दूसरे की ओर समान वेग से आ रही है। ध्वनि का वेग $340$ मी/सेकंड है। यदि एक की सीटी की आवाज दूसरी ट्रेन को $9 / 8$ गुना सुनाई देती हो तो ट्रेनों का वेग होगा $-$
ध्वनि की तरंगे गर्म वायु में $350 m / s$ की चाल से तथा पीतल में $35000 m / s$ की चाल से चलती है, तो $700 Hz$ की ध्वनिक तरंग यदि गरम वायु से पीतल में प्रवेश करे तो उसकी तरंगदैर्ध्य:
द्रव्यमान $m _1$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किसी दृढ़ टेक से ऊध्धाधर लटकी है। इस रस्सी के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _2$ का कोई गुटका जुड़ा है। रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्घ्य $\lambda_1$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्घ्य $\lambda_2$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_2 / \lambda_1$ का मान है :
किसी अनुप्रस्थ तरंग को $, y = A \sin \ ( wt - kx )$ से निरूपित किया जाता है। तरंगदैध्य के किस मान के लिये तरंग $-$ वेग, अधिकतम कण $-$ वेग के बराबर होगा?
दो कम्पित स्वरित्र प्रगामी तरंगें उत्पन्न करते हैं जो क्रमशः हैं
$y _1=4 \sin 500 \pi t$ और $y _2=2 \sin 506 \pi t$.
प्रति मिनट उत्पन्न विस्पंदों की संख्या है:
निम्नलिखित दो तरंगों $ y _1=10^{-6} \sin \{100 t+( x / 50)+0.5\} m$
$y _2=10^{-6} \cos \{100 t+( x / 50)\} m $ के बीच कलान्तर जहाँ $x$, मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है, लगभग है:
$100 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करता हुआ एक ध्वनि स्त्रोत $S$ तथा एक प्रेक्षक $O$, एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। यह ध्वनि स्त्रोत, $19.4 \ ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। उसके चलने की दिशा, स्त्रोत तथा प्रेक्षक की रिथितियों को मिलाने वाली सरलरेखा से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है $($आरेख देखिये$)$। यदि, प्रेक्षक अपनी रिथति पर ही रूका रहता है तो, प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आभासी आवृत्ति होगी (हवा में ध्वनि का वेग $\left.330 \ ms ^{-1}\right)$ :
एक गाड़ी के हॉर्न की आवृति $n$ है तथा यह श्रोता तथा गाड़ी को जोड़ने वाली रेखा के लम्बवत 30 मी/सेकंड से चलता है। श्रोता को आवृत्ति $n + n _1$ सुनायी देती है (जबकि ध्वनि का वेग हवा में 330 मी./से है) तो-