एक कण अपनी माध्य स्थिति में सरल आवृत्त गति करता है। इसका आयाम $A$ तथा आवर्तकाल $T$ है। जब उसका वेग अधिकतम वेग का आधा हो तो उस समय विस्थापन ज्ञात करो:
[1996]
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$(b) V _{\max }= A \omega$ तो
$ v=\frac{v_{\max }}{2}=\frac{A \omega}{2}$
$v=\omega \sqrt{A^2-y^2}$
$\Rightarrow \frac{A \omega}{2}=\frac{\omega}{\sqrt{A^2-y^2}} $
$\Rightarrow y=\pm \frac{\sqrt{3}}{2} A $
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एक कण का द्रव्यमान $m$ है। इसे विराम अवस्था से मोचित किया गया है और यह आरेख मे दिखाये गये अनुसार एक परवलीय मार्ग पर चलता है। यह मानते हुए कि कण का मूल स्थिति से विस्थापन कम है, कौन से ग्राफ कण की स्थिति को समय के फलन के रूप में सही दर्शाता है?
एक सरल लोलक का आयाम तथा कोणीय वेग क्रमशः $a$ तथा $\omega$ है। माध्य स्थिति से $x$ दूरी पर इसकी गतिज ऊर्जा $T$ तथा स्थितिज ऊर्जा $V$ है तो $T$ तथा $V$ का अनुपात होगा
किसी कण को प्रदर्शित करने वाले निम्नलिखित फलनों में कौन से फलन सरल आवर्त गति को निरूपित करते है?
(A) $y=\sin \omega t-\cos \omega t$
(B) $y=\sin ^3 \omega t$
(C) $y=5 \cos \left(\frac{3 \pi}{4}-3 \omega t\right)$
(D) $y =1+\omega t +\omega^2 t ^2$
एक सरल लोलक का आयाम वास्तविक आयाम का $1 /$ 3 भाग हो जाता है जब वह 100 दोलन पूरे कर लेता है। जब वह 200 दोलन पूरे कर लेता है तो उसका आयाम $S$ भाग हो जाता है जहां $S$ का मान होगा-
एक $m$ द्रव्यमान का पिण्ड ऊर्ध्वाधरत सरल: आवर्तगति करता है। जब द्रव्यमान को स्प्रिंग $A$ से लटकाया जाता है तो उसका आवर्तकाल $t_1$ तथा $B$ से लटकाने पर आवर्तकाल $t _2$ है। यदि $A$ तथा $B$ को दिये गये चित्र की तरह जोड़ा जाए तो आवर्तकाल $t _0$ दिया जाता है