एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था में किसी संघर्ष के पीछे बहुत से संगठन होते हैं। ये संगठन दो तरह से अपनी भूमिका निभाते हैं। यथा-
राजनीति में प्रत्यक्ष भागीदारी करके राजनीतिक दल नामक राजनीतिक संगठन, लोकतन्त्र में किसी फैसले पर असर डालने के लिए राजनीति में प्रत्यक्ष भागीदारी करते हैं। वे चुनाव लड़ते हैं और सरकार बनाते हैं या विपक्ष की भूमिका निभाते हैं।
अप्रत्यक्ष रूप से-दबाव-समूह/हित-समूह अनेक अप्रत्यक्ष तरीकों, जैसे-हड़ताल करना, रैली निकालना, लॉबीइंग करना या आन्दोलन करना आदि के द्वारा सरकार पर दबाव डालकर अपनी माँगों या हितों के अनुरूप सरकारी फैसलों को प्रभावित करते हैं।