पानी के निजीकरण के खिलाफ बोलिविया में जो आंदोलन चला उसकी अगुवाई किसी राजनैतिक दल ने नहीं की। इस आंदोलन का नेतृत्व 'फेडेकोर' नामक संगठन ने किया जिसमें इंजीनियर और पर्यावरणवादी समेत स्थानीय कामकाजी लोग शामिल थे।
इस संगठन को सिंचाई पर निर्भर किसानों के एक संघ, कारखाना-मजदूरों के संगठन के परिसंघ, कोचबंबा विश्वविद्यालय के छात्रों तथा शहर में बढ़ती बेघर-बार बच्चों की आबादी तथा सोशलिस्ट पार्टी का समर्थन मिला। सन् 2006 में बोलिविया में सोशलिस्ट पार्टी को सत्ता हासिल हुई।