किसी उभयोत्तल लेंस की वक्रता त्रिज्या का परिमाप $20 \ cm$ है। इसके सामने इससे $30 \ cm$ दूर रखी $2 \ cm$ ऊंची वस्तु का प्रतिबिम्ब होगा:
[2011]
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$ R =20 \ cm$
$h _0=2$
$u =-30 \ cm $
हम जानते हैं, $\frac{1}{ f }=(\mu-1)\left(\frac{1}{ R _1}-\frac{1}{ R _2}\right)$
$ =\left(\frac{3}{2}-1\right)\left[\frac{1}{20}-\left(-\frac{1}{20}\right)\right] $
$ \Rightarrow \frac{1}{ f }=\left(\frac{3}{2}-1\right) \times \frac{2}{20} $
$ \therefore f =20 \ cm $
$ \frac{1}{ f }=\frac{1}{ v }-\frac{1}{ u } $
$ \Rightarrow \frac{1}{20}=\frac{1}{ v }+\frac{1}{30} $
$ \frac{1}{ v } =\frac{1}{20}$
$ =\frac{10}{600}$
$v =60 \ cm $
$ m =\frac{ h _{ i }}{ h _0}=\frac{ v }{ u }$
$\Rightarrow h _{ i }=\frac{ v }{ u } \times h _0$
$=\frac{60}{30} \times 2=-4 \ cm $
अतः प्रतिबिम्ब उल्टा है।
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एक प्रकाशदीप्त वस्तु उत्तल लेंस से $f =20$ सेमी दूरी पर रखी है। लेंस के दूसरी तरफ एक 10 सेमी वक्रता त्रिज्या का उत्तल दर्पण रखा है। बताओ इसकी दूरी लेंस से क्या होगी कि प्रतिबिम्ब वस्तु की जगह पर हीं बने
सामान्य नेत्त्र में कौर्निया $($स्वच्छ मंडल$)$ की अभिसारी शक्ति $40 D$ है तथा कार्निया के पीछे नेत्र लेंस की न्यूनतम अभिसारी शक्ति $20 D$ है। इस सूचना से नेत्र के रेटिना $($दृष्टिपटल$)$ तथा लेन्स के बीच की अनुमानित दूरी होगी:
' $f_1$ ' फोकस दूरी का एक अवतल दर्पण, ' $f_2$ ' फोकस दूरी के एक उत्तल लेंस से $d$ दूरी पर रखा गया है। अनन्त से आता हुआ एक किरण पुंज, उत्तल लेंस तथा अवतल दर्पण के इस संयोजन पर टकराता है और अपने मार्ग पर अनन्त को वापस हो जाता है तो, दूरी ' $d$ ' का मान होगा :
किसी द्रव से भरे एक बीकर के तल पर एक लघु सिक्का रखा गया है। चित्र के अनुसार एक प्रकाश किरण सिक्के से आरम्भ होकर द्रव के ऊपरी तल तक पहुँच कर तल के समांतर चलती है।
इस द्रव में प्रकाश चलन का वेग कितना होगा?
एक सूक्ष्मदर्शी को कागज पर बने एक निशान पर फोकस करने के उपरान्त इस निशान पर $1.5$ अपवर्तनांक के काँच के 3 सेमी मोटे स्लैब को रखा गया है। अब सूक्ष्मदर्शी में क्या स्थानान्तरण किया जाए कि निशान फिर से फोकस में आ जाए ?
एक पारदर्शी छड़ का अपवर्तनांक $n$ है। इसमें प्रकाश अन्दर जाता है। अपवर्तनांक का मान क्या होगा यदि प्रकाश दूसरे सिरे से बाहर न निकले चाहे आपतन कोण का मान कुछ भी क्यों न हो?
एक दूरदर्शी यंत्र का आवर्धन क्षमता $9$ है। जब इसे समान्तर किरणों के लिए समायोजित किया जाता है तब इसके अभिदृश्यक तथा नेत्रिका के बीच की दूरी $20 \ cm$ होती है। इन लेंसों की फोकस दूरियाँ क्रमश होगी: