एक सिरे पर बन्द तथा दूसरे सिरे पर खुला कोई वायु स्तम्भ किसी स्वरित्र द्विभुज के साथ उस समय अनुनाद करता है जब इस वायु स्तम्भ की कम-से-कम लम्बाई 50 सेमी. होती है। इसी स्वरित्र द्विभुज के साथ अनुनाद करने वाली स्तम्भ की अगली बड़ी लम्बाई है
[2016]
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(c) बन्द आर्गन पाइप के लिए प्रथम अनुनादित लंबाई
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L _1=\frac{\lambda}{4}=50 cm
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$\therefore$ अगली अथवा दूसरी अनुनादित लंबाई,
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L _2=\frac{3 \lambda}{4}=150 cm
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$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$
एक आगामी तरंग $y =60 \cos (180 t -6 x )$ से प्रदर्शित होती है। जहां $y$ माइक्रॉन $t$ सेकंड व $x$ मीटर में है। अधिकतम कण वेग तथा तरंग वेग का अनुपात होगा$-$
एक डोरी में चलती तरंग का आयाम $2 \ cm$ है। यह तरंग $x-$ अक्ष की धन दिशा में $128 m / \sec$. की चाल से चल रही है और यह पाया गया है कि डोरी की $4 m$ की लम्बाई में $5$ पूरी तरंगें समा जाती हैं। तरंग सूचक समीकरण होगा:$-$