हाइड्रोजन परमाणु की निम्नतम अवस्था स्थिति में उर्जा $-13.6 eV$ है। $He ^{+}$आयन की प्रथम उत्तेजित अवस्था में उर्जा होगी
[2010]
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(a) $H$-परमाणु के $n$ वीं अवस्था की ऊर्जा $E _{ n }=-Z^2 \times \frac{13.6}{n^2} eV$
$He ^{+}$की पहली उत्तेजित अवस्था के लिए, $n =2, Z =2$
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E _{ He ^{+}}=-\frac{4}{2^2} \times 13.6=-13.6 eV
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हाइड्रोजन परमाणु की लाइमन श्रेणी की प्रथम लाईन की तरंगदैर्ध्य, किसी हाइड्रोजन के समान आयन की बामर श्रेणी की द्वितीय लाईन के बराबर है, तब हाइड्रोजन के समान आयन की परमाणु संख्या $Z$ होगी:
$\frac{1}{2} m v^2$ ऊर्जा का एक अल्फा कण-नाभिक, $Z e$ आवेश के एक भारी नाभिकीय लक्ष्य पर टकराता है। अल्फा-नाभिक के लिये समीपतम पहुँचने की दूरी, निम्नांकित में किसके अनुक्रमानुपाती होगी?
हाइड्रोजन के समान किसी परमाणु में $n=3$ अवस्था से $n=1$ अवस्था में संक्रमण से पराबैगनी विकिरणों का उत्सर्जन होता है। इसी परमाणु में अवरक्त किरणों का उत्सर्जन होगा यदि संक्रमण हो :
जब द्रव्यमान ' $m$ ' तथा वेग ' $v$ ' से गतिमान कोई $\alpha$ कण 'Ze' आवेश के किसी भारी नाभिक पर बमबारी करता है, तो उसकी नाभिक से निकटतम उपगमन की दूरी, $m$ पर इस प्रकार निर्भर करती है :