किसी दोलित्र पर अवमन्दन-बल वेग के समानुपाती होता है तो, समानुपाती नियतांक का मात्रक है :
[2012]
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(c) $F \propto v \Rightarrow F=k v$
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k=\frac{F}{v} \Rightarrow[k]=\frac{\left[ kgms ^{-2}\right]}{\left[ ms ^{-1}\right]}= kgs ^{-1}
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एक पिण्ड सरल आवर्तगति करता है। जब उसका विस्थापन माध्य स्थिति से $4$ सेमी तथा $5$ सेमी हो तो उसका वेग $10$ सेमी/सेकंड तथा $8$ सेमी/सेकंड है, इसका आवर्तकाल होगा $-$
एक कण दो परस्पर लम्बवत् सरल आवर्त गतियाँ इस प्रकार करते हैं कि इसके $x$ तथा $y$ अक्ष इस प्रकार दिये जाते है : $x =2 \sin \omega t ; \quad y =2 \sin A \left(\omega t +\frac{\pi}{4}\right)$ कण का पथ होगा
एक कण पर दो सरल आवर्तगतियां है। ये है$x = A \cos (\omega t +\delta) ; y = A \cos (\omega t +\alpha)$ जब $\delta=\alpha+\frac{\pi}{2}$, तो परिणामी गति होगी $-$
एक कण पर रेस्टोरिंग बल उसके विस्थापन के समानुपाती है तथा घर्षण बल उसके वेग के समानुपाती है जबकि उस पर $F \sin \omega t$ का बल कार्य करता है। यदि कण का आयाम $\omega=\omega_1$ पर अधिकतम हो तथा कण की ऊर्जा $\omega=\omega_2$ पर अधिकतम हो तो