एक कण पर रेस्टोरिंग बल उसके विस्थापन के समानुपाती है तथा घर्षण बल उसके वेग के समानुपाती है जबकि उस पर $F \sin \omega t$ का बल कार्य करता है। यदि कण का आयाम $\omega=\omega_1$ पर अधिकतम हो तथा कण की ऊर्जा $\omega=\omega_2$ पर अधिकतम हो तो
[1989, 1998]
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(c) आयामी अनुनाद होता है जब बाह्य बल की आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति से कम हो। वेग अनुनाद में तब होता है जब बाह्य बल की आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति के बराबर हो।
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एक कण का द्रव्यमान $m$ है। इसे विराम अवस्था से मोचित किया गया है और यह आरेख मे दिखाये गये अनुसार एक परवलीय मार्ग पर चलता है। यह मानते हुए कि कण का मूल स्थिति से विस्थापन कम है, कौन से ग्राफ कण की स्थिति को समय के फलन के रूप में सही दर्शाता है?
किसी नगण्य द्रव्यमान के स्प्रिंग से लटकाये गये $M$ द्रव्यमान का दोलनकाल $T$ है। यदि इसके साथ ही एक अन्य $M$ द्रव्यमान लटका दिया जाय तो दोलनकाल हो जायेगा
एक पिण्ड सरल आवर्तगति करता है। जब उसका विस्थापन माध्य स्थिति से $4$ सेमी तथा $5$ सेमी हो तो उसका वेग $10$ सेमी/सेकंड तथा $8$ सेमी/सेकंड है, इसका आवर्तकाल होगा $-$
एक स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान का आवर्तकाल $T$ है। यदि स्प्रिंग को चार बराबर भागों में बांट दिया जाए व समान द्रव्यमान को किसी एक भाग से लटकाये तो आवर्तकाल होगा :
दो कण, एक दूसरे के निकट स्थित, दो समान्तर सरल रेखाओं के अनुदिश, समान आवृति और आयाम से दोलन कर रहे हैं। जब उनका विस्थापन उनके आयाम का आधा $(1 / 2)$ होता है तो वे एक दूसरे से विपरीत दिशा में गति कर रहे होते हैं। दोनों कणों की माध्य स्थिति, उनके मार्गों की लम्बवत् एक सरल रेखा पर स्थित है। तो कलान्तर है :
एक सरल लोलक एक क्षैतिज दिशा में ' $a$ ' त्वरण से चलती हुई ट्राली की छत से लटका है। उसका आवर्तकाल $T =2 \pi \sqrt{\frac{\ell}{ g }}$ से दिया जाता है जहां $g$ का मान होगा