पानी की सतह के 4 मीटर नीचे एक प्रकाश स्रोत्र रखा जाता है। पानी का अपवर्तनांक $5 / 3$ है। पानी सतह पर जो प्रकाश डिस्क बनेगी उसका व्यास होगा :
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(b) $\sin C=\frac{1}{\mu}=\frac{1}{\frac{5}{3}}=\frac{3}{5} \Rightarrow \tan C=\frac{3}{4}$ अब $\tan C =\frac{ r }{ h } ; r = h \tan C =4 \times \frac{3}{4}=3$ मीटर व्यास $=2 r =6$ मीटर
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एक काँच के ब्लॉक के एक पृष्ठ को पौलिश किया गया है। इसकी मोटाई $6$ सेमी है। एक वस्तु पहले पृष्ठ से $8$ सेमी दूर रखी गयी है, पॉलिश पृष्ठ के $12$ सेमी पीछे इसका प्रतिबिम्ब बनता है । कांच का अपवर्तनांक होगा:
एक पारदर्शी छड़ का अपवर्तनांक $n$ है। इसमें प्रकाश अन्दर जाता है। अपवर्तनांक का मान क्या होगा यदि प्रकाश दूसरे सिरे से बाहर न निकले चाहे आपतन कोण का मान कुछ भी क्यों न हो?
एक पतले समतलोत्तल लैंस की वक्रता त्रिज्या 10 सेमी तथा अपवर्तनांक $1.5$ है। यदि समतल पृष्ठ को पोलिश कर दिया जाए तो यह अवतल दर्पण का काम करेगा। इसकी फोकस दूरी है:
किसी प्रिज्म का कोण $A$ है। इस प्रिन्म के एक अपवर्तक फलक को रजतित कर परावर्तक बना दिया गया है, इसके पृष्ठ पर, $2 A$ कोण पर आपतित प्रकाश की किरणें, रजतित फलक से परावर्तन के पश्चात् अपने मार्ग पर वापस आ जाती हैं। प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $\mu$ होगा
एक द्विउत्तल लैंस को दो भगों में काटा गया है (i) $XOX ^{\prime}$ के अनुदिश (ii) $YOY ^{\prime}$ के अनुदिश, यदि $f , f ^{\prime}$, f" तीनों स्थितियों में लैंस की फोकस दूरियां हैं तो निम्न में से कौन-सा सम्बन्ध सही है:
एक दूरदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स का व्यास 10 सेमी है तथा यह दो वस्तुओं से 1 किमी दूरी पर स्थित है। दूरदर्शी द्वारा विभेदित दोनों वस्तुओं के बीच की न्यूनतम दूरी, जब प्रकाश की माध्य तरंगदैर्ध्य $5000 A$ है, होगी:
$10 cm$ लम्बी एक छड़ को, $10 cm$ फोकस दूरी के एक अवतल लेंस की मुख्य अक्ष के अनुदिश इस प्रकार रखा गया है कि छड़ का दर्पण के ध्रुव के पास वाला सिरा, दर्पण से $20 cm$ दूर है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई होगी :
प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $\sqrt{2}$ तथा इसका अपवर्तन कोण $30^{\circ}$ है। प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठों में से किसी एक पृष्ठ को अन्दर की ओर दर्पणनुमा बनाया जाता है। दूसरे पृष्ठ पर आपतित एकवर्णी प्रकाश पुँज दर्पण से परावर्तित होकर अपने ही मार्ग से वापिस लौट आएगा यदि प्रिज्म पर आपतन कोण है: