एक कृष्णिका का ताप $500 K$ है। इससे ऊर्जा उत्सर्जन की दर समानुपाती होगी:
[1997]
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(a) स्टीफन नियम के अनुसार, $E =\sigma eAT { }^4$
$E \propto T ^4 ; So , E \propto(500)^4$
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$1227^{\circ} C$ पर एक कृष्ण पिण्ड विकिरण उत्सर्जन करता है जिसमें अधिकतम विकिरण फ्लक्स घनत्व $5000 \mathring A $ के तरंगदैर्ध्य पर होता है। यदि इस पिण्ड का ताप $1000^{\circ} C$ से बढ़ा दिया जाए, तो अधिकतम विकिरण फ्लक्स घनत्व देखा जाएगा
जल की कुछ मात्रा को $70^{\circ} C$ से $60^{\circ} C$ तक ठंडा होने में 5 मिनट तथा $60^{\circ} C$ से $54^{\circ} C$ तक ठंडा होने में $5$ मिनट लगते हैं, तो जल के आसपास $($परिवेश$)$ का ताप होगा
$227^{\circ} C$ तापमान पर एक कृष्ण पिंड $7 cal / cm ^2 s$ की दर से ऊष्मा का विकिरणन करता है। $727^{\circ} C$ तापमान पर इन्हीं मात्रकों में इस पिंड के ऊष्मा विकिरणन की दर होगी $:-$
पीतल तथा स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha_1$ तथा $\alpha_2$ है । पीतल की छड़ की लम्बाई $\ell_1$ तथा स्टील की $\ell_2$ $0^{\circ} C$ तापमान पर है । यदि इनकी लम्बाइयों में अन्तर सभी तापमान पर $\ell_2-\ell_1$, हो तो:
दो छड़ समान लम्बाई, ऊष्मा चालकता $K _1, K _2$, क्षेत्रफल $A _1, A _2$ तथा विशिष्ट ऊष्मा $S _1, S _2$ है । दोनों सिरों के ताप $T _1$ व $T _2$ है। साम्वास्था में ऊष्मा प्रवाह की दर है:
बर्फ का कोई टुकड़ा ऊँचाई $h$ से इस प्रकार गिरता है कि वह पूर्णत: पिघल जाता है। उत्पत्र होने वाली ऊप्मा का केवल एक-चौथाई भाग ही बर्फ द्वारा अवशोपित किया जाता है तथ बर्फ की समस्त ऊर्जा इसके गिरते समय ऊप्मा में रूपान्तरित हो जाती है। यदि बर्फ की गुप्त ऊप्मा $3.4 \times 10^5 J / kg$ तथा $g =10 N / kg$ है, तो ऊँचाई $h$ का मान है: