मालव-मालवों की शक्ति का केन्द्र जयपुर के निकट नगर था। (यह वर्तमान में टोंक जिले में स्थित है) कालांतर में ये अजमेर, टोंक एवं मेवाड़ क्षेत्र तक फैल गए। टोंक प्रतापगढ़ एवं झालावाड़ का क्षेत्र मालव देश के अन्तर्गत आता था। मालवों की दिग्विजय का यूप अभिलेख नांदसा (भीलवाड़ा) में लगा है।