मनसबदार और जागीरदार में यह संबंध था कि मनसबदार केवल भूमि कर से मतलब रखते थे किंतु जागीरदार अपने जागीर पर प्रशासनिक कार्य भी करते थे । जागीरदार भूमि कर स्वयं वसूलते थे, जिसके लिए उन्हें अपनी जागीर में ही रहना अनिवार्य था, लेकिन मनसबदार कहीं भी रहकर अपने कर्मचारियों से लगान वसूलवाते थे ।