मुगल शासन की विशेषता थी कि उस काल में जनसाधारण का जीवन सुखी और सम्पन्न था । अमीरों के लिये एशो आराम की वस्तुएँ बनाने वालों को यद्यपि मजदूरी कम मिलती थी लेकिन खाद्यान्नों के सस्ता होने के कारण इन्हें कठिनाई नहीं होती थी । बंगाल में मछली-भात खाने का रिवाज था वहीं उत्तर भारत में रोटी-दाल खाया जाता था । बिहार के लोग भात खाते थे । पशुपालन के कारण दूध, दही, घी भी खूब मिलते. थे । हालाँकि कपड़े की कमी थी । इसके बावजूद लोग सुखी थे।
मनसबदार प्रशासनिक काम देखते थे । ये बादशाह के आदेशों और कानूनों का लोगों से पालन कराते थे । आवश्यकता पड़ने पर ये बादशाह को सैनिक मदद भी देते थे । मनसबदारों को एक निश्चित संख्या में घुड़सवार सैनिक रखना पड़ता था । इस खर्च को वहन करने के लिये इन्हें जमीन दी जाती थी, जिसकी लगान की आय से ये अपने सैनिकों को वेतनादि तो देते ही थे और अपना खर्च भी चलाते थे ।