मुगलों का मंगोल और तैमूर-दोनों वंशजों से संबंध था । माता की ओर से वे मंगोलों से सम्बद्ध थे तो पिता की ओर से वे तैमूर वंश से संबंध रखते थे । उन्होंने मंगोल कहलाना इसलिए अच्छा नहीं समझा क्योंकि मंगोल अपनी नृशंसता के लिए बदनाम थे । तैमूर का नाम ऊँचाई पर पहुँचा हुआ था क्योंकि उसने दिल्ली को फतह किया था। हालांकि नृशंसता में तैमूर भी कोई कम नहीं था लेकिन वीरता में उसका बड़ा नाम था । इसी कारण मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर का वंशज कहलाना अधिक अच्छा समझा और उसी पर बल दिया