मनुष्यों में $XXY$ युक्त नर तथा $XXXX$ युक्त मादा होने का कारण है-
[2001]
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(a) जीनोम के गुणसूत्र संख्या के सांखियक परिवर्तन को असुजिता कहते हैं। सुगुणिता में बहु या दो से अधि क जीनोम होते हैं।
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मॉर्गन और उसके सहकर्मियों द्वारा रखे गये वंशागति के गुणसूत्र सिद्धांत के प्रायोगिक सत्यापन के लिए फल-मक्खी ड्रोसोफिला मेलैनोगैस्टर को बहुत उपयुक्त पाया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि-
फलमक्खी के $X$-गुणसूत्र के सहलग्न मैप (नक्शे) में 66 इकाइयां होती हैं, यहाँ पीत देह जीन (4) एक सिरे पर जबकि बोण्ड बाल (6) जीन दूसरे पर होता है। इन दोनों जीनों $Y$ तथा $( b )$ के बीच पुनर्संयोजन आवृत्ति होनी चाहिए-
एक मनुष्य जिसका पिता वर्णान्धता से ग्रसित था एक ऐसी स्त्री से विवाह करता है जिसकी माता वर्णान्धता से ग्रसित और पिता सामान्य है। इस युगल के नर बच्चों का कितना प्रतिशत वर्णान्ध होगा ?
किसी विशेष लोकस पर 'A' एलील की बारम्बारता $0.6$ है जबकि ' $a$ ' की $0.4$ है। यदि साम्यावस्था में संयुग्मन अनियमित ढंग से कराया जाए तो विषम युग्मनजों की बारम्बारता होगी-
जब कभी दो असम्बन्धित व्यष्टियों अथवा वंशक्रमों के बीच संकरण कराया जाता है, तब $F_1$ संकर का कार्य उसके दोनों जनकों से श्रेष्ठतर होता है। इस परिघटना को क्या कहते हैं?