पर्णरंध्र (स्टोमेटा) पत्ती की सतह पर उपस्थित सूक्ष्म रंध्र हैं, जो श्वसन गैसों के विनिमय तथा वाष्पोत्सार्जन के लिए खुलते तथा बंद होते हैं। रंध्रों का खुलना और बंद होना द्वार कोशिकाओं पर निर्भर होता है। द्वार-कोशिकाओं में जब जल अन्दर जाता है तो वे फूल जाती है और रंध्र खुल जाता है। इसी प्रकार जब द्वार-कोशिकाओं द्वारा खुले हुए रंध्र से अतिरिक्त जल वाष्पीकृत हो जाता है (वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा) तो वे सिकुड़ती है और रंध्र बंद हो जाता है। इस प्रकार पौधों में रंध्रों का खुलना और बंद होना द्वार कोशिकाओं के अंदर उपस्थित जल पर निर्भर होता है।