प्रार्थना समाज की स्थापना सन् 1867 में बम्बई में की गई थी। यह भक्ति परम्परा का समर्थक था। इसने जातीय बन्धनों को खत्म करने और बाल विवाह के उन्मूलन के लिए प्रयास किया। प्रार्थना समाज ने महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित किया और विधवा विवाह पर लगी पाबंदी के खिलाफ आवाज उठाई। उसकी धार्मिक बैठकों में हिन्दू, बौद्ध और ईसाई ग्रन्थों पर विचार-विमर्श किया जाता था।