पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध-प्रथम विश्व युद्ध पहला औद्योगिक युद्ध था क्योंकि
इस युद्ध में विश्व के सबसे अग्रणी औद्योगिक राष्ट्र एक-दूसरे के विरुद्ध संघर्ष कर रहे थे।
इस युद्ध में मशीनगनों, टैंकों, हवाई जहाजों और रसायनिक हथियारों का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया। ये सभी हथियार आधुनिक विशाल उद्योगों की देन थी।
युद्ध के लिए सम्पूर्ण विश्व से असंख्य सैनिकों की भर्ती की गई। उन्हें विशाल जलपोतों एवं रेलगाड़ियों में भर कर युद्ध के मोर्चों पर ले जाया गया।
इस युद्ध में जो भीषण जन-हानि और विनाशलीला देखने को मिली, उसकी औद्योगिक युग से पहले और औद्योगिक शक्ति के बिना कल्पना नहीं की जा सकती थी।
आर्थिक क्षेत्र में प्रभाव- प्रथम विश्व युद्ध के आर्थिक क्षेत्र में अग्रलिखित प्रभाव हुए-
कामकाजी आयु के लोगों की संख्या का कम होना इस युद्ध से यूरोप में कामकाजी आयु के लोगों की संख्या बहुत कम रह गई। परिवार के सदस्यों में कमी हो जाने से युद्ध के बाद परिवारों की आय भी बहुत कम हो गई।
उद्योगों का पुनर्गठन युद्ध सम्बन्धी सामग्री का उत्पादन करने के लिए उद्योगों का पुनर्गठन किया गया।
आर्थिक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी-युद्ध की आवश्यकताओं को देखते हुए सम्पूर्ण समाजों को बदल दिया गया। पुरुष युद्ध के मोर्चों पर जाने लगे, तो उन कार्यों को सम्भालने के लिए महिलाओं को घर छोड़कर बाहर आना पड़ा।
आर्थिक शक्तियों के बीच आर्थिक सम्बन्ध टूटना-प्रथम विश्व युद्ध के कारण विश्व की कुछ आर्थिक शक्तियों के बीच आर्थिक सम्बन्ध टूट गए।
अमेरिका का ऋणदाता बनना-प्रथम विश्व युद्ध के लिए ब्रिटेन को अमेरिकी बैंकों और अमेरिकी जनता से भारी ऋण लेना पड़ा। परिणामस्वरूप इस युद्ध ने अमेरिका को ऋणी की बजाय ऋणदाता बना दिया।