हेनरी फोर्ड ने विचार किया कि गाड़ियों के उत्पादन के लिए भी असेम्बली लाइन के प्रयोग से समय और पैसा दोनों की बचत की जा सकती है, अतः फोर्ड ने असेम्बली लाइन की स्थापना करने का निश्चय किया।
हेनरी फोर्ड द्वारा असेम्बली लाइन की स्थापना- असेम्बली लाइन पर मजदूरों को एक ही काम-जैसे कार के किसी विशेष पुर्जे को ही लगाते रहना-मशीनी ढंग से बार-बार करते रहना होता था। काम की गति इस बात से निर्धारित होती थी कि कन्वेयर बेल्ट किस गति से चलती है। यह काम की गति बढ़ाकर प्रत्येक मजदूर की उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती थी। कन्वेयर बेल्ट के साथ खड़े होने के पश्चात् कोई मजदूर अपने काम में ढिलाई नहीं कर सकता था और न ही थोड़ी देर के लिए भी आराम कर सकता था। इस प्रक्रिया में मजदूर अपने साथियों के साथ बातचीत भी नहीं कर सकते थे। इसके परिणामस्वरूप हेनरी फोर्ड के कारखाने की असेम्बली लाइन से हर तीन मिनट में एक कार तैयार होकर निकलने लगी। टी-मॉडल नामक कार वृहत् उत्पादन पद्धति से बनी पहली कार थी।