चुनाव प्रतिस्पर्धा का खेल है। चुनाव के समय में विभिन्न दलों के उम्मीदवार एवं नेता अपने दल या अपनी सरकार की नीतियों का जमकर प्रचार-प्रसार करते हैं । विभिन्न प्रकार के लुभावने नारे भी देते हैं
ताकि आम जनता प्रभावित हो। जनता उसी को अपना नेता चुनती है जिनसे कल्याण की अपेक्षा की जाती है, जिसमें लोगों की सेवा करने वाले राजनेताओं को जीत मिले तथा ऐसा नहीं करने वालों को हार मिले इस का फैसला जनता करती है। चुनावी प्रतिस्पर्धा का ग्रही वास्तविक अर्थ है । नियमित अंतराल पर चुनावी मुकाबलों का लाभ राजनीतिक दलों को मिलता है। इससे इन्हें यह भी पता चलता है कि अगर नेताओं ने लोगों की समस्याओं के समाधान में रुचि नहीं दिखाई तो लोग उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे और लोग उन्हें पराजित कर देंगे। वैसे नेता चुनाव जीत जाते हैं जो आम समस्या से अधिक व्यक्तियों को खुश रखने में विश्वास रखते हैं।
लेकिन राजनीतिक प्रतिस्पर्धा सिर्फ चुनाव के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र के लिए भी हितकर है।