सामान्य ताप तथा दाब पर किसी गैस के $4.0 g$ द्रव्यमान का आयतन $22.4$ लिटर है। स्थिर आयतन पर इसकी विशिप्ट ऊप्मा धारिता $5.0 JK ^{-1} \text{mol} ^{-1}$ है। यदि इस गैस में सामान्य ताप व दाब पर ध्वनि का वेग $952 \ ms ^{-1}$ है तो इस गैस की रिथर दाब विशिप्ट ऊप्मा धारिता है (गैस नियतांक $R =8.3 JK ^{-1} \text{mol} ^{-1} )$
[2015]
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$(d)$ गैस का मोलर द्रव्यमान $=4 g / \text{mol}$ ध्वनि की चाल
$ V =\sqrt{\frac{\gamma RT }{ m }} $
$\Rightarrow 952=\sqrt{\frac{\gamma \times 3.3 \times 273}{4 \times 10^{-3}}}$
$\Rightarrow \gamma=1.6=\frac{16}{10}=\frac{8}{5}$
$\gamma=\frac{ C _{ P }}{ C _{ V }}=\frac{8}{5}$
$\text { अत: } C _{ P }=\frac{8 \times 5}{5}=8 JK ^{-1} \text{mol} ^{-1}$
$\left[ C _{ V }=5.0 JK ^{-1}\right.] $
दिया गया है
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एक समान तापमान पर दो पात्रों में से एक में आदर्श गैस $A$ तथा दूसरे में आदर्श गैस $B$ भरी है। गैस $A$ का दाब गैस $B$ के दाब का दो गुना है। इन दशाओं के अन्तर्गत गैस $A$ का घनत्व गैस $B$ के घनत्व से $1.5$ गुना पाया जाता है, तो $A$ तथा $B$ के अणुभारों का अनुपात होगा:
$30^{\circ}$ वायुमंडलीय दाब तथा $27^{\circ} C$ पर एक गैस को $1$ वायुमंडलीय दाब तक प्रसारित किया गया । यदि आयतन प्रारम्भिक आयतन का $10$ गुना हो तो अन्तिम ताप होगा।
नियत दाब पर एक एक परमाण्विक आइडियल गैस के एक मोल का ताप $10 K$ बढ़ाने के लिए $207 J$ ऊष्मा की आवश्यकता है। इसी गैस के नियत आयतन पर $10 K$ तापमान वृद्वि के लिए आवश्यक ऊष्मा है $( R = 8.3$ जूल/मोल $K )$
तीन बर्तनों में तीन अलग-अलग गैसें समान आयतन की भर दी गयी। अणुओं का द्रव्यमान क्रमशः $m _1, m _2, m _3$. तथा अणुओं की संख्या $N _1, N _2, N _3$ है। बर्तनों में गैसों का दाब क्रमश: $P _1, P _2, P _3$ है। तीनों गैसों को मिलाकर एक बर्तन में डाल दिया गया तो गैसों का दाब $P$ होगा: