सलाम को मखाना बेचने की जल्दी इसलिए थी, क्योंकि उसके पास जगह की कमी थी और इस वजह से वह मूल्य बढ़ने तक मखाने को अपने पास नहीं रख सकती थी। फिर उसे रिश्तेदारों के कर्ज भी वापस करने थे, जो उसने तालाब किराए पर लेने के लिए उनसे ली थी। उसे तालाब के मालिक को तालाब का किराया भी देना था।