प्रतिनिधियों का चुनाव करने के बाद नागरिकों को अखबारों और अन्य संचार माध्यमों के जरिए इस बात की नजर रखनी चाहिए कि संसद क्या कर रही है अर्थात् उनके निर्वाचित सांसद क्या कर रहे हैं। अगर नागरिकों को लगता है कि वे सही काम नहीं कर रहे हैं तो नागरिकों को उनकी आलोचना करते हुए सरकार में अपनी भागीदारी को दिखाना चाहिए। इससे संसद सजग और सतर्क रहेगी और अपना काम सही ढंग से करेगी।