सहमति का अर्थ है- चाह, स्वीकृति और लोगों की हिस्सेदारी। लोगों का निर्णय ही लोकतांत्रिक सरकार का गठन करता है और उसके काम-काज के बारे में फैसला देता है। इसके पीछे मूल सोच यह होती है कि व्यक्ति या नागरिक ही सबसे महत्वपूर्ण है और सैद्धान्तिक स्तर पर सरकार एवं अन्य सार्वजनिक संस्थानों में इन नागरिकों की आस्था होनी चाहिए। इससे स्पष्ट होता है कि सहमति का विचार लोकतंत्र का प्रस्थान बिन्दु है।