सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण-जब सरकार को कुछ स्तरों में बाँटकर उनमें सत्ता का बँटवारा कर दिया जाता है तो उसे सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है। इसमें एक सत्ता शीर्ष पर तो शेष उससे नीचे स्तर पर रहती है।
उदाहरण सहित सत्ता के ऊर्ध्वाधर वितरण का कार्यान्वयन-
(1) इसमें सरकार के बीच विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा होता है। जैसे-पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर प्रांत या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे। पूरे देश के लिए बनने वाली ऐसी सामान्य सरकार को अक्सर संघ या केंद्र सरकार कहते हैं, प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकारों को हर जगह अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। भारत में हम इन्हें राज्य सरकार कहते हैं।
(2) हर देश में बँटवारा ऐसा ही नहीं है। कई देशों में प्रांतीय या क्षेत्रीय सरकारें नहीं हैं। लेकिन भारत की तरह, जिन देशों में ऐसी व्यवस्था है वहाँ के संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा किस तरह होगा। बेल्जियम में भी इसी प्रकार हुआ है लेकिन श्रीलंका में नहीं हुआ है।
(3) राज्य सरकारों से नीचे के स्तर की सरकारों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था हो सकती है। जैसे-भारत में नगरपालिका और पंचायतें ऐसा ही इकाइयाँ हैं।
इस प्रकार स्पष्ट है कि उच्चतर और निम्नतर स्तर की सरकारों के बीच सत्ता के ऐसे बँटवारे को ऊर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है।