तीव्र न्यूट्रॉनों द्वारा ${ }_{92}^{238} \mathrm{U}$ के विखंडन पर विचार कीजिए किसी विखंडन प्रक्रिया में प्राथमिक अंशों (Primary fragments) के बीटा-क्षय के पश्चात् कोई न्यूट्रॉन उत्सर्जित नहीं होता तथा ${ }_{58}^{140} \mathrm{Ce}$ तथा ${ }_{44}^{99} \mathrm{Ru}$अंतिम उत्पाद प्राप्त होते हैं। विखंडन प्रक्रिया के लिए Q के मान का परिकलन कीजिए। आवश्यक आँकड़े इस प्रकार हैं: $m\left({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\right)$ = 238.05079 u, $ m\left({ }_{58}^{140} \mathrm{Ce}\right)$ = 139.90543 u, $m\left({ }_{44}^{99} \mathrm{Ru}\right)$ = 98.90594 u
Exercise - 13.27
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क्या नाभिकीय अभिक्रियाओं के समीकरण $\triangle M = [Zm_p+ (A-Z)m_n\ l - M$ रासायनिक समीकरण $($उदाहरण के लिए $2 \mathrm{H}_{2}+\mathrm{O}_{2} \rightarrow 2 \mathrm{H}_{2} \mathrm{O})$ के रूप में संतुलित हैं$?$ यदि नहीं तो किस रूप में दोनों ओर समीकरण संतुलित होंगे।
समीकरण $R = R_0A^\frac{1}{2}$ के आधार पर, दर्शाइए कि नाभिकीय द्रव्य का घनत्व लगभग अचर है $($अर्थात् $A$ पर निर्भर करता है$)$ यहाँ $R_0$ एक नियतांक है एवं $A$ नाभिक की द्रव्यमान संख्या है।
लीथियम के दो स्थायी समस्थानिकों ${ }_{3}^{6} \mathrm{Li}$ एवं $ { }_{3}^{7} \mathrm{Li}$ की बहुलता का प्रतिशत क्रमशः 7.5 एवं 92.5 हैं। इन समस्थानिकों के द्रव्यमान क्रमश : 6.01512 u एवं 7.01600 u हैं। लीथियम का परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
बोरॉन के दो स्थायी समस्थानिक ${ }_{5}^{10} \mathrm{~B}$ एवं ${ }_{5}^{11} \mathrm{~B}$है। उनके द्रव्यमान क्रमशः $10 \cdot 01294 u $ एवं $11 \cdot 00931 u$एवं बोरॉन का परमाणु भार $10.811 u$ है। ${ }_{5}^{10} \mathrm{~B}$ एवं$ { }_{5}^{11} \mathrm{~B}$ की बहुलता ज्ञात कीजिए।
किसी नाभिक से $\beta^{+}$(पॉजिट्रॉन) उत्सर्जन की एक अन्य प्रतियोगी प्रक्रिया है जिसे इलेक्ट्रॉन परिग्रहण (Capture) कहते हैं (इसमें परमाणु की आंतरिक कक्षा, जैसे कि K-कक्षा, से नाभिक एक इलेक्ट्रॉन परिगृहीत कर लेता है और एक न्यूट्रिनों, $\nu$ उत्सर्जित करता है $e^{+}+{ }_{Z}^{A} X$$\rightarrow{ }$$_{Z-1}^{A} Y+\nu$ दर्शाइए कि यदि $\beta^{+}$ उत्सर्जन ऊर्जा विचार से अनुमत है तो इलेक्ट्रॉन परिग्रहण भी आवश्यक रूप से अनुमत है, परंतु इसका विलोम अनुमत नहीं है।
किसी 1000 MW विखंडन रिएक्टर के आधे ईधन का 5.00 वर्ष में व्यय हो जाता है। प्रारंभ में इसमें कितना ${ }_{92}^{235}$ U था? मान लीजिए कि रिएक्टर 80% समय कार्यरत रहता है; इसकी सम्पूर्ण ऊर्जा $ { }_{92}^{235}$ U के विखंडन से ही उत्पन्न हुई है; तथा $ { }_{92}^{235} $U न्यूक्लाइड केवल विखंडन प्रक्रिया में ही व्यय होता है।
${ }_{94}^{239} $Pu के विखंडन गुण बहुत कुछ ${ }_{92}^{235} $U से मिलते-जुलते हैं। प्रति विखंडन विमुक्त औसत ऊर्जा 180 MeV है। यदि 1 kg शुद्ध ${ }_{94}^{239}$ Pu के सभी परमाणु विखंडित हों तो कितनी MeV ऊर्जा विमुक्त होगी?
जीवित कार्बनयुक्त द्रव्य की सामान्य ऐक्टिवता, प्रति ग्राम कार्बन के लिए 15 क्षय प्रति मिनट है। यह ऐक्टिवता, स्थायी समरथानिक ${ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ के साथ-साथ अल्प मात्रा में विद्यमान रेडियोऐक्टिव ${ }_{6}^{12} \mathrm{C}$के कारण होती है। जीव की मृत्यु होने पर वायुमण्डल के साथ इसकी अन्योन्य क्रिया (जो उपर्युक्त संतुलित ऐक्टिवता को बनाए रखती है) समाप्त हो जाती है, तथा इसकी ऐक्टिवता कम होनी शुरू हो जाती है। ${ }^{14}{ }^{14} \mathrm{C}$ की ज्ञात अर्धायु (5730 वर्ष) और नमूने की मापी गई ऐक्टिवता के आधार पर इसकी सन्निकट आयु की गणना की जा सकती है। यही पुरातत्व विज्ञान में प्रयुक्त होने वाली ${ }_{6}^{14} \mathrm{C}$ कालनिर्धारण (dating) पद्धति का सिद्धान्त है। यह मानकर कि मोहनजोदड़ों से प्राप्त किसी नमूने की ऐक्टिवता 9 क्षय प्रति मिनट प्रति ग्राम कार्बन है। सिंधु घाटी सभ्यता के सन्निकट आयु का मिनट प्रति ग्राम आकलन कीजिए।
एक परमाणु द्रव्यमान मात्रक के समतुल्य ऊर्जा का मान पहले जूल और फिर MeV में ज्ञात कीजिए। इसका उपयोग करके $ { }_{8}^{16} \mathrm{O}$ की द्रव्यमान क्षति $\mathrm{MeV} / \mathrm{c}^{2}$ में व्यक्त कीजिए।