वेद समाज ब्रह्मो समाज से प्रेरित था। इसकी स्थापना मद्रास (चेन्नई) में 1864 में हुई। वेद समाज ने जातीय भेदभाव को समाप्त करने और विधवा तथा महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए काम किया। इसके सदस्य एक ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास रखते थे। उन्होंने रूढ़िवादी हिन्दुत्व के अन्धविश्वासों और अनुष्ठानों की सख्त निन्दा की।