उदारवादी राष्ट्रवाद की अवधारणा- 19वीं सदी के प्रारम्भ में यूरोप में उदारवादी राष्ट्रवाद के विचार विकसित हुए। उदारवाद शब्द लातिन भाषा के मूल Liber पर आधारित है जिसका अर्थ है-'स्वतन्त्रता'।
नये मध्यम वर्गों के लिए उदारवाद से अभिप्राय था-व्यक्ति के लिए स्वतन्त्रता और कानून के समक्ष सबकी समानता। राजनीतिक रूप से उदारवाद सहमति से बनी सरकार पर बल देता था। उदारवाद निरंकुश शासकों और पादरियों के विशेषाधिकारों की समाप्ति, संविधान तथा संसदीय प्रतिनिधि सरकार का समर्थक था। मताधिकार के सम्बन्ध में प्राय: बराबरी के पक्षधर नहीं थे। इस युग के उदारवादी निजी सम्पत्ति के स्वामित्व की अनिवार्यता पर बल देते थे। आर्थिक क्षेत्र में उदारवाद बाजारों की मुक्ति और वस्तुओं तथा पूँजी के आवागमन पर राज्य द्वारा लगाये गये नियंत्रणों को समाप्त करने का समर्थक था।