दो देशों के मध्य विकास की तुलना कई मापदण्डों पर की जा सकती है किन्तु देशों की तुलना करने के लिए उनकी आय सबसे महत्त्वपूर्ण विशिष्टता अथवा मापदण्ड समझी जाती है। प्रायः जिन देशों की आय अधिक है उन्हें कम आय वाले देशों से अधिक विकसित समझा जाता है क्योंकि अधिक आय का अर्थ है मानवीय आवश्यकताओं की सभी वस्तुओं का अधिक होना। दो देशों की तुलना करने हेतु कुल आय की अपेक्षा प्रति व्यक्ति आय अथवा औसत आय एक श्रेष्ठ मापदण्ड है क्योंकि विभिन्न देशों की जनसंख्या भिन्न-भिन्न होती है, अतः कुल आय के आधार पर सही तुलना सम्भव नहीं हो पाएगी, ऐसी स्थिति में प्रति व्यक्ति आय अथवा औसत आय विकास को समझने एवं दो देशों के मध्य विकास की तुलना करने का अधिक बेहतर मापदण्ड है। विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट में भी देशों का वर्गीकरण करने के लिए प्रति व्यक्ति आय का ही प्रयोग किया गया है।