देशभर की सभी राज्य सरकारों के पास अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी व अतिपिछड़ी जातियों की अपनी-अपनी सूचियाँ हैं। इसी तरह की एक सूची केन्द्र सरकार के पास भी होती है। जो विद्यार्थी शैक्षणिक संस्थान में दाखिले के लिए या जो उम्मीदवार सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन देते हैं, उन्हें जाति और जनजाति प्रमाण-पत्र के रूप में अपनी जाति या जनजाति का सबूत देना होता है। अगर कोई खास दलित जाति या जनजाति सरकारी सूची में है तो उस जाति या जनजाति का उम्मीदवार आरक्षण का लाभ उठा सकता है।