जो आदिवासी पहले से ही विस्थापित कर दिये गये हैं और जो अब वापस नहीं लौट सकते, उन्हें भी मुआवजा मिलना चाहिए। अर्थात् सरकार को ऐसी योजनाएँ बनानी चाहिए जिनके सहारे वे नये स्थानों पर रह सकें और काम कर सकें। जब सरकार आदिवासियों से छीनी गई जमीन पर औद्योगिक या अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए बेहिसाब पैसा खर्च कर सकती है तो इन विस्थापितों को पुनर्वास देने के लिए मामूली-सा खर्चा करने में क्यों हिचकिचाती है।