औपचारिक क्षेत्रक ऋणों की विशेषताएँ-
औपचारिक स्रोतों में ऋण पर ब्याज दर कम होता है।
सामान्यतः अमीर लोग ऋण इस स्रोत से लेते हैं।
इसमें लम्बे समय तक ऋण प्रदान किए जाते हैं।
इन स्रोतों में ऋणी का शोषण नहीं किया जाता है।
इसमें सरकारी नियमों एवं विनियमों का ध्यान रखा जाता है।
अनौपचारिक क्षेत्रक ऋणों की विशेषताएँ-
अनौपचारिक क्षेत्रों में ऋण पर ब्याज दर अधिक होता है।
निर्धन लोग इन स्रोतों से ऋण प्राप्त करते हैं।
इन स्रोतों द्वारा ऋणी का शोषण किया जाता है।
इनमें सरकारी नियंत्रण का अभाव पाया जाता है।