ऋणदाता द्वारा ऋणी को ऋण की शर्तों के आधार पर ऋण प्रदान किया जाता है । ऋण लेने या देने से पर्व ऋण की शर्ते तय होती हैं। ब्याज दर, समर्थक ऋणाधार, आवश्यक कागजात और भुगतान के तरीकों को सम्मिलित रूप से ऋण की शर्ते कहा जाता है। ऋण लेने या देने से पूर्व दोनों पक्षों में शर्तों का निर्धारण होता है जिनका पालन किया जाता है। समर्थक ऋणाधार एवं ब्याज की दर ऋण की महत्त्वपूर्ण शर्ते होती हैं। प्रायः विभिन्न ऋण व्यवस्थाओं में ऋण की शर्ते भी भिन्न-भिन्न होती हैं।