भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने के लिए कोई तीन सुझाव दीजिए।
Download our app for free and get startedPlay store
ऋण के औपचारिक स्रोतों में बैंक, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूह आदि को शामिल किया-
ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारिक बैंकों एवं सहकारी समितियों की संख्या में और अधिक वृद्धि की जानी चाहिए।
बैंकों और सहकारी समितियों इत्यादि से ग्रामीण निर्धनों को मिलने वाले औपचारिक ऋणों का हिस्सा बढ़ाना चाहिए।
ग्रामीणों को अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए तथा सरकार को भी इन स्वयं सहायता समूहों की स्थापना में अपने योगदान में वृद्धि करनी चाहिए।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    वस्तु विनिमय प्रणाली की प्रमुख समस्याओं को स्पष्ट कीजिए।
    View Solution
  • 2
    भारत में साख के अनौपचारिक स्रोतों के दोष बताइए।
    View Solution
  • 3
    ग्रामीण क्षेत्रों में साख के विभिन्न स्रोत क्या हैं? इनमें से साख का कौनसा स्रोत सबसे अधिक सुविधाजनक है? यह सर्वाधिक सुविधाजनक क्यों है? कारण दीजिए।
    View Solution
  • 4
    बैंकों की ऋण सम्बन्धी गतिविधि को स्पष्ट कीजिए।
    View Solution
  • 5
    ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों की गतिविधियाँ बढ़ाने हेतु कोई तीन सुझाव दीजिए।
    View Solution
  • 6
    भारत में ग्रामीण परिवारों के साख के चार प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।
    View Solution
  • 7
    स्वयं सहायता समूह के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
    View Solution
  • 8
    औपचारिक क्षेत्रक ऋणों और अनौपचारिक क्षेत्रक ऋणों की विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए।
    View Solution
  • 9
    ऋण की शर्तों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
    View Solution
  • 10
    बैंक की आवश्यकता हमें क्यों है? बैंकर किस प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध करवाते हैं? बैंक की आय का प्रमुख साधन क्या है?
    View Solution