भारत का शस्य प्रारूप भारत में निम्नलिखित तीन प्रमुख शस्य ऋतुएँ हैं-
(1) रबी की शस्य ऋतु-भारत में रबी की फसलों को शीत ऋतु में अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून के मध्य काटा जाता है। शीत ऋतु में शीतोष्ण पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा से इस ऋतु की फसलों को बहुत लाभ मिलता है।
प्रमुख फसलें- भारत में रबी की फसलों के अन्तर्गत बोई जाने वाली प्रमुख फसलों में गेहूँ, जौ, मटर, चना और सरसों हैं।
प्रमुख क्षेत्र- भारत में रबी की फसलें देश के विस्तृत भाग में बोई जाती हैं। उत्तर और उत्तरी-पश्चिमी राज्य, यथा-पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखण्ड और उत्तरप्रदेश गेहूँ और रबी की अन्य फसलों के उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण राज्य हैं।
(2) खरीफ की शस्य ऋतु- भारत में खरीफ की फसलों को देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के आगमन के साथ बोया जाता है तथा सितम्बर-अक्टूबर में काट लिया जाता है।
प्रमुख फसलें व क्षेत्र- भारत में खरीफ की फसलों के अन्तर्गत चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, जूट, मूंगफली और सोयाबीन आदि फसलों को बोया जाता है। चावल की कृषि मुख्य रूप से असम, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र में विशेष रूप से कोंकण तटीय क्षेत्रों, उत्तरप्रदेश और बिहार में की जाती है।
(3) जायद की शस्य ऋतु- भारत में रबी और खरीफ की फसल ऋतुओं के मध्य ग्रीष्म ऋतु में बोई जाने वाली फसल को जायद के नाम से जाना जाता है।
प्रमुख फसलें- भारत में जायद ऋतु में मुख्य रूप से तरबूज, खरबूजे, खीरे, सब्जियों तथा चारे की फसलों की खेती की जाती है।