भारत में भू-संसाधनों का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों से किया जाता है-
वन।
कृषि के लिए अनुपलब्ध भूमि- (i) बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि (ii) गैर-कृषि प्रयोजनों में लगाई गई भूमि-जैसे इमारतें, सड़क, उद्योग इत्यादि।
परती भूमि के अतिरिक्त अन्य कृषि अयोग्य भूमि- (i) स्थायी चरागाहें तथा अन्य गोचर भूमि (ii) विविध वृक्षों, वृक्ष फसलों, तथा उपवनों के अधीन भूमि (जो शुद्ध बोए गए क्षेत्र में शामिल नहीं है) (iii) कृषि योग्य बंजर भूमि जहाँ पाँच से अधिक वर्षों से खेती न की गई हो।
परती भूमि- (i) वर्तमान परती (जहाँ एक कृषि वर्ष या उससे कम समय से खेती न की गई हो) (ii) वर्तमान परती भूमि के अतिरिक्त अन्य परती भूमि या पुरातन परती (जहाँ 1 से 5 कृषि वर्ष से खेती न की गई हो)।
शुद्ध (निवल) बोया गया क्षेत्र- एक कृषि वर्ष के एक बार से अधिक बोए गए क्षेत्र को शुद्ध (निवल) बोए गए क्षेत्र में जोड़ दिया जाए तो वह सकल कृषित क्षेत्र कहलाता है।