दिये गये परिपथ में वोल्टमीट $V_1$ और $V_2$ दोनो के पाठ्यांक $300 V$ हैं, तो वोल्टमीटर $V_3$ और एमीटर $A$ के पाठ्यांक क्रमशः होंगे
[2010]
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(b) जब $V_L=V_C=300 V$, अनुनाद उत्पन्न होगा $\therefore V_R=220 V$
धारा, $I=\frac{220}{100}=2.2 A$
$\therefore \quad V_3$ का पाठ्यांक $=220 V$
और $A$ का पाठ्यांक $=2.2 A$
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एक श्रेणीबद्ध $\text{LCR}$ परिपथ में $C =10 \mu F$ एवं $\omega=1000$ सेकेण्ड ${ }^{-1}$ हैं। परिपथ में महत्तम धारा के लिये प्रेरकत्व $L$ का मान कितना होना चाहिये?
एक श्रेणी $R-C$ परिपथ किसी प्रत्यावर्ती वोल्टता के स्त्रोत से जुड़ा है। दो स्तिथियों $(a)$ तथा $(b)$ पर विचार कीजिए $(a)$ जब संधारित्र वायु भरा है। $(b)$ जब, संधारित्र माइका भरा है। इस परिपथ में प्रतिरोधक से प्रवाहित विद्युत धारा $i$ है तथा संधारित्र के सिरों के बीच विभवान्तर $V$ है तो
किसी $ac$ परिपथ में एक प्रत्यावर्ती वोल्टता, $e =200 \sqrt{2}$ $\sin 100 t$ वोल्ट, को $1 \mu F$ धारिता के एक संधारित्र से जोड़ा गया है। इस परिपथ में विद्युत धारा का वर्ग-माध्य मूल मान होगा:
किसी स्त्रोत जिसका emf, $V=10 \sin 340 t$ है, से श्रेणी में $20 mH$ का प्रेरक, $50 \mu F$ का संधारित्र तथा $40 \Omega$ का प्रतिरोधक संयोजित है। इस प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में शक्ति क्षय है: